घर में तो सिर्फ़ पत्नियों की चलती है, मानता हूँ ये बात सब पतियों को खलती है, अगर पति नहीं मिलाते हैं हाँ में हाँ, गलती होते ही आवाज़ आती जाती है मैंने कहा था ना••• पत्नी चाहती है बुरे वक्त के लिए बचाना, पति सिर्फ़ पूरा कर पाता है दिनचर्या चलाना, घर ख़र्चों से बचाकर पत्नी इकट्ठा कर लेती है ख़ज़ाना, घर में परेशानी आते ही पति को देकर कहती है मैंने कहा था ना••••• पति चाहता है अपने दोस्तों को बुलाना, पत्नी चाहती है बनाना कोई नया बहाना, पत्नी के कहने के बाद भी ज़्यादा हो जाता है पीना-पिलाना, दोस्तों के जाते ही आवाज़ आती है मैंने कहा था ना••••• - कर्नल विनोद धीमान, सेवानिवृत्त।
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